गौरतलब है कि रविवार को मकर संक्रांति पर्व यहां उत्साह के साथ मनाया जाएगा। परंतु इस उत्साहित पंतगबाज मौत की डोर चाइना डोर का उपयोग कर लोगों के जीवन को खतरे में डाल रहे है। इस बार प्रतिबंध के बाद भी धड़ल्ले से चाइना डोर का व्यापार हुआ। इस खतरनाक व्यापार पर शासन ध्यान आकर्षित नहीं हुआ। जानकारी के अनुसार गुणावद के रहवासी 65 वर्षीय तोलाराम प्रजापत अपनी पत्नी लीलाबाई के साथ ग्राम मोटरसाइकिल पर सवार होकर ससुराल केलोद के लिए निकले थे। इस बीच रास्ते में दिग्ठान में अचानक से चाइना डोर आ गई।इसमें बाइक सवार पति-पत्नी गिर गए जैसे ही लोगों ने देखा तो दौड़कर मदद के लिए आए और दोनों पति-पत्नी को उठाया। इस बीच पत्नी ने देवर कैलाश को सूचना दी। इसके बाद 108 एंबुलेंस की मदद से उन्हें धार जिला अस्पताल लाया गया। परंतु स्वजनों द्वारा जिला अस्पताल में उपचार नहीं करवाते हुए बुजुर्गों को निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उनका आईसीयू में उपचार किया गया। बुजुर्गों को गले से कान तक लंबा कट लगने की वजह से करीब 20 टांके लगाए गए। तोलाराम के भाई कैलाश ने बताया कि भाई-भाभी ससुराल के लिए निकले थे। रास्ते में यह घटना हो गई। भाई को पता ही नहीं चला कि कब वह चाइना डोर की चपेट में आ गया।
चाइना डोर की चपेट में आया मासूम…
इधर शाम को दशहरा मैदान क्षेत्र में साढ़े चार साल का मासूम चाइना डोर की चपेट में आ गया। मासूम कृष्णा घर से कुछ दूरी पर खेल रहा था इस बीच अचानक मासूम चाइना डोर की चपेट में आ गया। जब घर के स्वजनों ने मासूम को खून में लत-पत देखा तो तुरंत निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डाक्टरों की टीम ने मासूम के चेहरे पर 10 टांके लगा कर उसे भर्ती किया। फिलहाल मासूम का उपचार जारी है