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जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण ने लीला रची उन्हे तीर्थ बनाया जायेगा- मुख्यमंत्री यादव

जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण ने लीला रची उन्हे तीर्थ बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री यादव
अति प्राचीन द्वापर कालिन रुखमणि हरण स्थल अमझेरा बनेगा तीर्थ
 अमझेरा से- अभिजीत पंडित 
जहा जहा भगवान श्री कृष्ण ने लीलाए रची उन स्थानों को तीर्थ के रूप मे विकसित किया जायेगा। जिसमे महाकाल की नगरी उज्जैन, धार जिले का अमझेरा एवं भगवान परशुराम जी की जन्मस्थली जनापावा शामिल है। उक्त बाते आज विधानसभा मे अपने वक्तव्य मे प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कही। जैसे हि ये वीडियो शोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ अमझेरा मे हर्ष छा गया। हर कोई अपने वाट्सअप स्टेटस, फेसबुक पर यह पोस्ट डालकर मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त कर रहे थे।

ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरी अमझेरा-
धार जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर मांगोद मनावर मार्ग पर बसा अमझेरा नगर ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरी के रूप मे विख्यात है। नगर का प्राचीन नाम कुंदनपुर था जो अब अमझेरा है। प्राचीन क्वीदंती अनुसार द्वापर काल मे रुखमणि जी अम्बिका माता का पूजन करने अमका झमका मंदिर पहुंची थी तभी यहां रथ लेकर भगवान श्री कृष्ण आये ओर अपने साथ रुखमणि का हरण कर अपने साथ द्वारिका ले गये। मंदिर के पिछे आज भी रथ के पहिये के निशान इस बात का प्रमाण है। परिसर मे हि चामुंडा माता मंदिर, भैरव जी, ओघड बाबा के मंदिर एवं प्राचीन कुण्ड स्थित है। वही कुछ दूरी पर गूफा मे बैजनाथ महादेव, राज राजेश्वर महादेव एवं झमका माता के मंदिर स्थित है। अति प्राचीन स्थान होने से यहां आत्मिक शांति का अनुभव होता है। वर्षा ऋतू मे यह स्थान प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण होकर कल कल करते झरने आनंदित करते है। गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रदेशो से भी बड़ी संख्या मे यहां श्रद्धालु देवी का पूजन करने पहुंचते है। यहा सच्चे मन से की गई प्रार्थना स्वीकार होती है। मंदिर परिसर मे जनसहयोग से वर्तमान मे जीर्णोद्धार के कार्य किये जा रहे है।
1857 की क्रांति मे अपने प्राणो की आहुति देने वाले अमझेरा नरेश महाराव बख्तावर सिंह राठौड़ का किला भी स्थित है।

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