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लेबड - जावरा मार्ग पर अब तेज रफ्तार वाहनों पर पुलिस ने कसा शिकंजा, दोषियों के ड्राइविंग लाइसेंस हो सकते हैं रद्द

लेबड - जावरा मार्ग पर अब तेज रफ्तार वाहनों पर पुलिस ने कसा शिकंजा,दोषियों के ड्राइविंग लाइसेंस हो सकते  हैं रद्द

धार ।सड़कों पर वाहनों को तेज गति से दौड़ाने वाले चालक अब संभल जाएं।  जिले भर ने अब ट्रैफिक पुलिस ने तेज गति से वाहन चलाने वाले चालकों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है, पुलिस अधीक्षक धार श्री मयंक अवस्थी के निर्देशन में अब लेबड - जावरा मार्ग पर यातायात पुलिस द्वारा स्पीड रडार गन के माध्यम से चालानी कार्यवाही की जा रही है।
विगत दिनों धार पुलिस अधीक्षक श्री अवस्थी द्वारा जिले में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण करने के उद्देश्य से जिले भर के पुलिस अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली गई।  जिसके अंतर्गत जिले में अधिक सड़क दुर्घटना वाले मार्गो को चिन्हित कर उन पर प्रभावी प्रवर्तन के निर्देश दिए गए जिसके पालन में एस.डी.ओ.पी.बदनावर  श्री अरविंद सिंह तोमर के निर्देशन में  लेबड - नयागांव एवं बदनावर उज्जैन रोड पर हो रही सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के उद्देश्य से ओवर स्पीड में वाहन चलाने वालों के विरुद्ध चालानी कार्यवाही की जा रही है।
*स्पीड रडार गन के साथ हाइवे पर पुलिस तैनात*

यातायात पुलिस द्वारा हाईवे पर स्पीड रडार गन को इस तरह से तैनात किया जाता है कि सामने से आने वाले वाहनों की 100 मीटर दूरी से वाहन की रफ्तार की जानकारी मशीन दे देती है। आधुनिक स्पीड रडार गन में एएनपीआर (ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीकैनइजेशन) कैमरे लगाए गए हैं,  जो वाहन की स्पीड बताएंगे और साथ में नंबर प्लेट की फोटो ले सकेंगे। इस स्थिति में वाहन चालक तेज रफ्तार को लेकर बहाने बाजी नहीं कर सकेगा। स्पीड रडार गन का उपयोग उन सड़कों पर ज्यादा किया जाएगा, जिन सड़कों पर गति सीमा तय होती है। सड़क की गति सीमा और वाहन की गति की तुलना करने पर अगर वाहन की गति सड़क की गति सीमा से ज्यादा पाई जाएगी, तो संबंधित वाहन का चालान काटा जाएगा। तेज रफ्तार वाहन चलाते हुए अगर स्पीड रडार गन में दर्ज होंगे, तो रफ्तार के साथ वाहन की नंबर प्लेट भी दर्ज होगी। 

*हादसे कम होंगे, सबूत भी रहेगा*

ट्रेफिक सूबेदार नितेश राठौर ने बताया कि स्पीड रडार गन के माध्यम से चालान की कार्रवाई शुरू हो गई है। इस कारण वाहन चालक निर्धारित रफ्तार में ही वाहन चलाएंगे। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी। डायवर्जन रोड पर ही वाहन चालक तय गति से तेज वाहन चलाते हैं, ऐसे में ट्रैफिक पुलिस वाहनों की जांच करेगी कि कोई वाहन तेज गति से तो नहीं चल रहा। तेज गति से आ रहे वाहन चालक का चालान काटा जाएगा।
*तेज रफ्तार वाहन बनते हैं हादसे का कारण*
सड़क पर होने वाली ज्यादातर घटना है तेज रफ्तार के कारण होती हैं. ज्यादा तेज रफ्तार वाहन नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं और हादसों की वजह बनते हैं, अधिकतर हाईवे पर एक तरह की दुर्घटनाएं ज्यादातर होती है।  एक साल के भीतर जिलेभर में से 1849 अधिक सड़क हादसे हुए, जिनमें 589 लोगों की मृत्यु हो गई है।
*राजमार्गों पर वाहनों की अधिकतम गति सीमा*
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्री कारों (श्रेणी) के लिए गति सीमा सामान्यतः 100 किमी/घंटा और वाणिज्यिक वाहनों के लिए 80 किमी/घंटाहै । हालाँकि, विशिष्ट सड़क, वाहन के प्रकार और राज्य के नियमों के आधार पर गति सीमा भिन्न हो सकती है, इसलिए लगे हुए संकेतों का पालन करना ज़रूरी है। एक्सप्रेसवे पर यात्री कारों के लिए गति सीमा आमतौर पर 120 किमी/घंटा होती है। सड़क पर लगे संकेतों पर अंकित गति सीमा का हमेशा पालन करें, क्योंकि सामान्य नियमों की अपेक्षा इन्हें प्राथमिकता दी जाती है।
*लाइसेंस के रद्द होने की संभावना*
लगातार ओवर-स्पीडिंग: अगर आप बार-बार पकड़े जाते हैं और तेज गति से गाड़ी चलाने के दोषी पाए जाते हैं, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस रद्द किया जा सकता है।
गंभीर अपराध: अत्यधिक तेज गति से गाड़ी चलाना एक गंभीर अपराध है, और पुलिस अधिकारी इसे आपके लाइसेंस को तुरंत जब्त करने का कारण मान सकते हैं, खासकर अगर वे अदालत में मुकदमा चलाने के लिए तैयार हों।
नियमों का सख्ती से पालन: कई राज्य और शहर यातायात पुलिस को ओवर-स्पीडिंग पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश देते हैं, जिसमें लाइसेंस को निलंबित या रद्द करना भी शामिल है।

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