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पिता द्वारा नाबालिक से जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करने पर विशेष न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

पिता द्वारा नाबालिक से जान से मारने की धमकी देकर दुष्कर्म करने पर विशेष न्यायालय ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

धार विशेष न्‍यायालय श्रीमति रेखा आर. चन्‍द्रवंशी धार जिला धार द्वारा निर्णय पारित करते हुये एक पिता को अपनी नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म करने के आरोप आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। जानकारी के अनुसार आरोपी सुखलाल पिता गेंदालाल भील आयु 35 वर्ष नि. ग्राम बियाघाटी थाना नालछा जिला धार (म.प्र.) को धारा 3/4(2), 5(एन)/6, 5(एल)/6 पॉक्‍सो अधिनियम 2012 में आजीवान कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्‍ड व्‍यतिक्रम में 02-02 वर्ष का अतिरिक्‍त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया।

श्रीमती आरती अग्रवाल Ad.D.P.O. धार जिला धार ने बताया कि  पीडिता ने दिनांक 5 जनवरी .2024 को थाना नालछा पर उपस्थित होकर मौखिक रिपोर्ट की कि उसकी मम्‍मी दिनांक 24.11.2023 से उसके मामा के घर गयी हुई थी और दिनांक 04.12.2023 को रात्रि करीब 9:00 बजे वह, उसके पापा व छोटा भाई घर पर थे । तभी रात्रि 02:00 बजे जब वह खाट पर सो रही थी, तो उसके पापा आए और उसका मॅुह दबा दिया, उसने चिल्‍लाने की कोशिश की तो बोले कि आवाज मत निकालना नहीं तो गला दबा दूंगा, जान से मार दूंगा, फिर अभियुक्‍त ने उसके साथ दुष्कर्म किया । फिर अगले दिन दिनांक 05.12.2023 को सुबह करीबन 11:00 बजे उसने पापा से बोला कि उसे मम्‍मी के पास जाना है , तो अभियुक्‍त ने धमकी दी की जान से खत्‍म कर देगा, उसका भाई गाय चराने के लिए गया था तभी फिर अभियुक्‍त ने उसके साथ खोटा काम किया और धमकी दी कि यह बात किसी को बतायी तो जान से खत्‍म कर देगा । थोडी देर बाद उसने अभियुक्‍त से बोला कि उसे लैट्रिगं जाना है, तो अभियुक्‍त ने जाने दिया । फिर वह दौड लगाकर उसके परिवार के बडे दादाजी के घर गयी जहॉ पर उसकी भाभी ने उसके मामा के मोबाईल पर फोन लगाकर उनको घटना बतायी और उसके मामा उसे अपने साथ उसकी मॉ के पास लेकर गये जहॉ पर उसने अपनी मॉ को घटना बतायी वह व उसकी मम्‍मी लोकलाज व बदनामी होने से डर के कारण थाने पर रिपोर्ट करने नही गए । फिर दिनांक 05.01.2024 को उसके बडे पापा, मम्‍मी व भाई के साथ थाने जाकर रिपोर्ट की जिस पर अपराध क्रमांक 02/24 धारा 376, 376(3), 376(2)(एन), 376(2)(च), 450, 506 भादवि व धारा 5एल/6, 5एन/6 व ¾(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। पीडितागण और अन्‍य साक्षीगण के कथन लेखबद्ध किये गये अपराध पंजीबद्ध होने पर अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र माननीय न्‍यायालय धार में प्रस्‍तुत किया गया था बाद विचारण उपरांत माननीय न्‍यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को एवं साक्षीयों की साक्ष्‍य से सहमत होकर प्रकरण को संदेह से परे प्रमाणित मानकर आरोपी को दण्डित किया गया ।
इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती अग्रवाल, द्वारा की गई  ।

  

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