नाबालिक बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को आजीवन सश्रम कारावास ।
धार। नाबालिक बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को धार जिला विशेष न्यायालय ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। विशेष न्यायालय(श्रीमति रेखा आर. चन्द्रवंशी धार जिला धार द्वारा दिनांक 24-07-2024 को निर्णय पारित करते हुये आरोपी बबलू उर्फ देवेन्द्र, उम्र 36 वर्ष निवासी पीथमपुर , जिला धार (म.प्र.) को धारा 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, व्यतिक्रम में 02-02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास एवं धारा 3/4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, व्यतिक्रम में 02-02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया।
श्रीमती अर्चना डांगी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी धार जिला धार ने बताया कि पीडिता ने थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई पीडिता अपने माता-पिता के साथ अपने घर मण्डलावदा में रहती है और दिनाँक 31.10.2023 को जब वह अपने घर में झाडू पौंछा कर रही थी तो उसके पिता आए और उससे बोले कि मेरे साथ सागौर चल वहॉ के घर की साफ सफाई करके आना हैं, तो वह अपने पिता अभियुक्त के साथ मोटर सायकल में बैंठकर सागौर वाले घर पर आ गई । दोपहर करीब 01:30 बजे उसने सागौर आकर अपने घर की झाडू लगाई और उसके पिता बबलू कहीं गए थे, थोड़ी देर बाद उसके पिता वापस घर आ गए थे घर आकर उसके पिता अभियुक्त ने दरवाजा बंद कर लिया और उसका हाथ पकड़कर मकान के सबसे पीछे वाले कमरे में ले गए व उसे धक्का देकर नीचे जमीन पर गिरा दिया व उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया, वह चिल्लानें लगी तो उसके पिता ने उसे चाकू दिखाकर कहा कि तू चिल्लायेगी और किसी को यह बात बतायी तो वह उसे जान से खत्म कर देगा।
जैसे ही उसके पिता घर से बाहर निकले उसने घटना की बात अपनी मॉ को बतायी और अपनी मॉ व पड़ौस में रहने वाली आंटी आदि को साथ लेकर रिपोर्ट करने गई । फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार थाना सागौर जिला धार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज अपराध क्रमांक-460/2023 , धारा 376, 376(3), 376(2)(च), 506 भा.द.सं. व पॉक्सों एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान पीडिता के कथन लेख कर, अभियुक्त को गिरफ्तार कर आवश्यक अन्वेषण पश्चात अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया । न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को एवं साक्षीयों की साक्ष्य से सहमत होकर प्रकरण को संदेह से परे प्रमाणित मानकर आरोपी को आजीवन कारावास से दण्डित किया ।
इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती अग्रवाल, द्वारा की गई ।
धार। नाबालिक बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को धार जिला विशेष न्यायालय ने आजीवन सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया है। विशेष न्यायालय(श्रीमति रेखा आर. चन्द्रवंशी धार जिला धार द्वारा दिनांक 24-07-2024 को निर्णय पारित करते हुये आरोपी बबलू उर्फ देवेन्द्र, उम्र 36 वर्ष निवासी पीथमपुर , जिला धार (म.प्र.) को धारा 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, व्यतिक्रम में 02-02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास एवं धारा 3/4(2) लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में आजीवन कारावास व 5000-5000/- रूपये अर्थदण्ड, व्यतिक्रम में 02-02 वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास से दण्डित किया गया।
श्रीमती अर्चना डांगी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी धार जिला धार ने बताया कि पीडिता ने थाने आकर रिपोर्ट दर्ज कराई पीडिता अपने माता-पिता के साथ अपने घर मण्डलावदा में रहती है और दिनाँक 31.10.2023 को जब वह अपने घर में झाडू पौंछा कर रही थी तो उसके पिता आए और उससे बोले कि मेरे साथ सागौर चल वहॉ के घर की साफ सफाई करके आना हैं, तो वह अपने पिता अभियुक्त के साथ मोटर सायकल में बैंठकर सागौर वाले घर पर आ गई । दोपहर करीब 01:30 बजे उसने सागौर आकर अपने घर की झाडू लगाई और उसके पिता बबलू कहीं गए थे, थोड़ी देर बाद उसके पिता वापस घर आ गए थे घर आकर उसके पिता अभियुक्त ने दरवाजा बंद कर लिया और उसका हाथ पकड़कर मकान के सबसे पीछे वाले कमरे में ले गए व उसे धक्का देकर नीचे जमीन पर गिरा दिया व उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया, वह चिल्लानें लगी तो उसके पिता ने उसे चाकू दिखाकर कहा कि तू चिल्लायेगी और किसी को यह बात बतायी तो वह उसे जान से खत्म कर देगा।
जैसे ही उसके पिता घर से बाहर निकले उसने घटना की बात अपनी मॉ को बतायी और अपनी मॉ व पड़ौस में रहने वाली आंटी आदि को साथ लेकर रिपोर्ट करने गई । फरियादी की उक्त रिपोर्ट के आधार थाना सागौर जिला धार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज अपराध क्रमांक-460/2023 , धारा 376, 376(3), 376(2)(च), 506 भा.द.सं. व पॉक्सों एक्ट पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान पीडिता के कथन लेख कर, अभियुक्त को गिरफ्तार कर आवश्यक अन्वेषण पश्चात अभियोग पत्र प्रस्तुत किया गया । न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्को एवं साक्षीयों की साक्ष्य से सहमत होकर प्रकरण को संदेह से परे प्रमाणित मानकर आरोपी को आजीवन कारावास से दण्डित किया ।
इस प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अति. जिला लोक अभियोजन अधिकारी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती अग्रवाल, द्वारा की गई ।
Tags
अपराध