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ASI ने हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में पेश की धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट

ASI ने हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में पेश की धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट
 
✍️- ज्ञानेंद्र त्रिपाठी
धार।धार स्थित भोजशाला में 98 दिनों तक चले सर्वे की रिपोर्ट सोमवार को हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में प्रस्तुत की। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) ने इसे पूरी तैयारी के साथ कोर्ट में पेश किया। इससे पहले (एएसआई) ने 2 जुलाई को भोजशाला के 98 दिवसीय वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर अपनी स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

पूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एएसआई ने चार सप्ताह का समय मांगा था। इस पर हाईकोर्ट ने 15 दिन का समय देकर एएसआई को 15 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने को कहा था। रिपोर्ट के आधार पर अगली सुनवाई 22 जुलाई को होनी है। भोजशाला का सच जानने के लिए एएसआई द्वारा किए गए इस सर्वे की रिपोर्ट पर सबकी निगाहें लगी है। सर्वे के दौरान 1700 से ज्यादा पुरावशेष मिले है। इसमें भोजशाला की दीवार, पिलर के साथ ही खुदाई के दौरान 37 देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं।

क्या है भोजशाला मामला

हिंदू समुदाय भोजशाला को देवी वाग्देवी माता सरस्वती का मंदिर मानता है। वहीं दूसरे समुदाय का कहना है कि मुस्लिमों की कमाल मौलाना मस्जिद यहां हैं। एचएफजे की याचिका पर उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे। जिस पर एएसआई ने 22 मार्च को सर्वेक्षण शुरू किया और चार सप्ताह के विस्तार सहित 98 दिनों तक जारी रहा। सर्वेक्षण बिना रुके चला, यहां तक कि सार्वजनिक अवकाश के दिन भी नहीं रुका। हैदराबाद स्थित राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान एनजीआरआई ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम जीपीएस तथा ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार जीपीआर जांच की अतिरिक्त महानिदेशक डॉ. आलोक त्रिपाठी के निर्देशन में सर्वे में 1700 से ज्यादा पुरावशेष मिले है।इनमें देवी-देवताओं की 38 मूर्तियां भी शामिल हैं। मां वाग्देवी की खंडित मूर्ति खास है, जो भोजशाला से लंदन ले जाई गई मूर्ति के समान ही बताई जा रही है। हालांकि आकार में यह छोटी है। देवी मूर्ति सहित 8 पूरे अवशेष मिले है। भीतरी भाग में सर्वे के तहत वीडियो ग्राफी, फोटोग्राफी, क्लीनिंग और ब्रशिंग का काम भी किया गया।
हिंदू देवी-देवताओं की मूर्ति मिली

सर्वे के तहत की गई सफाई में भित्ति चित्र दिखाई दिए हैं। भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा और याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि सर्वे में अब तक जो पुरावशेष मिले हैं, वे भोजशाला को मंदिर साबित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खुदाई में अब तक 37 मूर्तियां मिल चुकी हैं,इनमें भगवान श्रीकृष्ण, जटाधारी भोलनाथ, हनुमान, शिव, ब्रह्मा, वाग्देवी, भगवान गणेश, माता पार्वती, भैरवनाथ आदि देवी-देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं। वही भगवान भैरवनाथ सहित मयूर पंख वाले कृष्ण, हनुमानजी, ब्रह्माजी की परिवार सहित मूर्तियां भी हैं। द्वार पर द्वारपाल की मूर्ति से लेकर अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी मिली हैं। 1700 पुरा अवशेषों में स्तंभों व दीवार के 575 टुकड़े बड़े आकार के हैं।

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