फेल मैनेजमेंट व साजिश षडयंत्र का शिकार हुए भाजपा उम्मीदवार
जनता का मिला भरपूर आशीर्वाद
सिंघाना। विधानसभा चुनाव में जिले की 7 विधानसभा में आए अप्रत्याशित परिणाम के बाद कहीं जीत तो कहीं हार को लेकर खुशी और मंथन का दौर शुरू हो गया लगातार 18 साल तक शासन करने के बाद भी भाजपा ने जहां प्रदेश में बेहतर पांचवीं बार भारी बहुमत से सरकार बनाई तो वहीं जिले के प्रत्याशियों के विरोध के बीच भी 7 में से 2 सीट हासिल करने में कामयाब रही धार से भाजपा से नीना वर्मा धर्मपुरी से कालु सिंह ठाकुर के लिए भी जीत आसान नहीं कहा जा सकती थी क्योंकि इन सीटों पर भी भीतर घात पार्टी सहित प्रत्याशी को था लेकिन जनादेश उनके पक्ष में आया इसलिए प्रत्याशी कर रहे हैं कि अंत जीत उनकी हुई है विधानसभा चुनाव 2003 में धार जिले में 6 विधानसभा में से पांच पर भाजपा का कब्जा और एक पर कांग्रेस सिमट चुकी थी लेकिन परिसीमन बदलने के बाद जिले की सात विधानसभा में से वर्ष:- 2008 / 2013 / 2018/ और 2023 विधानसभा चुनाव में भाजपा का एक या दो सीट पर ही कब्जा रहा है बाकी अन्य सीटों पर कांग्रेस का कब्जा बरकरार रहा... क्या कारण रहा जिले में भाजपा संगठन की कमजोरी , यह भाजपा संगठन को आत्म मंथन करना चाहिए 2008 में शिवराज सिंह की जन आशीर्वाद यात्रा धार जिले में आने के बाद भी पांच सीटों पर चुनाव हारे थे इस बार भी धार जिले में सातों सीटों पर प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेताओं की आमसभा रोड शो होने के बाद भी आखिरकार जनता ने भाजपा उम्मीदवारों को क्यों नकार दिया.. विधानसभा चुनाव में जिस तरह सोशल मीडिया पर कई ऑडियो और वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें जिक्र हो रहा है की कई अदृश्य शक्तियां कांग्रेस को जीतने के लिए काम कर रही है इन ऑडियो और वीडियो में कितनी सत्यता है यह संगठन को जनना रखना चाहिए क्या यह अदृश्य शक्तियां धार जिले की सभी विधानसभा सीटों पर काम कर रही थी क्या यह अदृश्य शक्तियां मध्य प्रदेश की महत्वपूर्ण योजना लाडली बहना , शिवराज मामा , अमित शाह और बंगाल के टाइगर कैलाश विजयवर्गीय को बै असर कर गई !
इस बार टिकट का वितरण अमित शाह के पसंद के व्यक्तियों को विधानसभा प्रत्याशी बनाया गया था मनावर विधानसभा सीट की तो भाजपा उम्मीदवार जीत से कुछ ही दूर हो गए और हार का सामना करना पड़ा...
एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें जयश के राष्ट्रीय संयोजक मनावर विधायक डॉ हीरालाल अलावा ने कहा की मैंने भारतीय जनता पार्टी , नरेंद्र मोदी को , अमित शाह और संघ को हराया है यह खुले चुनौती दी है देते नजर आ रहे हैं..
वैसे विधानसभा चुनाव के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाहजी की जनसभा और मनावर से बदनावर विधानसभा तक का रोड शो रथ सभा भी शिवराम कन्नौज, सरदार सिंह मेडा, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव , वैलसिंह भूरिया , जयदीप पटेल को भी चुनाव नहीं जीत पाए...
फेल मैनेजमेंट व साजिश षडयंत्र का शिकार हुए शिवराम कन्नौज !
जनता का मिला भरपूर आशीर्वाद...
परिणाम के बाद चर्चा है कि बीते कई वर्षों से सत्ता में रहने का कारण भाजपा में कई और अपने-अपने गुट बन गए जिले की हर सीट पर कई नेता स्वयं को विधायक पद का दावेदार मान रहा था ऐसे में टिकट घोषणा होने के बाद भी कोई खुलकर तो कोई खामोशी से विरोध दर्ज कर रहे थे देखा जाए तो भाजपा संगठन कार्यकर्ताओं की बड़ी फौज है लेकिन यह फौजी सिर्फ कार्यक्रम करता है..कार्यकर्ता नहीं...? जब भी कोई अवसर या बड़ा आयोजन होता है वहां उपस्थित होकर बड़े नेताओं के साथ आसपास चक्कर काटकर कार्यकर्ता सिर्फ सेल्फी फोटो लेकर सोशल मीडिया पर वायरल कर अपने आप को कार्यक्रम में सहभागिता बता निष्ठावान कार्यकर्ता बताकर फोटो वायरल करता है और धरातल पर कुछ और ही नजर आता है ... वैसे भाजपा में संगठन के अलावा साथ अलग-अलग मोर्चा है इन मोर्चा संगठन की भी पंचायत चुनाव हो या विधानसभा चुनाव हो मात्रा जिला मुख्यालय तक ही बैठक होकर इतिश्री हो हो गई मंडल केंद्र के नीचे संगठन के चुनाव होकर 3 वर्ष हो चुके हैं आज तक बैठकर तक नहीं हुई तो विधानसभा चुनाव मैनेजमेंट कहां से होगा संगठन के लिए चिंता का विषय है वैसे मोदी जी एक नारा दिया मेरा बुत सबसे मजबूत इस नारे के साथ ही प्रदेश संगठन के कुशल मार्गदर्शन में हर पोलिंग बूथ पर भाजपा को वोट प्रतिशत में बढ़त मिली है आज प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत से प्रदेश में सरकार बना रही है या चुनाव मैनेजमेंट अलग-अलग विधानसभा में हर मंडल केंद्रओ पर मैनेजमेंट सही हाथों में नहीं था यह कारण भी चुनाव हार का था या कुछ और ही लेकिन क्या विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज कार्यकर्ताओं को विरोध दर्ज करने वाले भाजपा संगठन के पदाधिकारी पर कार्रवाई संगठन करेगा या अमित शाह के पसंदीदा उम्मीदवारों को हार का सामना दिखाने वाले उम्मीदवार को दिल्ली जाने के मार्ग की सीधी मिल पाएगी यह बता पाना अभी मुश्किल है...? विधानसभा चुनाव में में अदृश्य शक्तियों पर भाजपा संगठन और संघ की निगाह है भाजपा संगठन के चुनाव जल्द संपन्न होना है क्या इन अदृश्य शक्तियों के संगठन में ताजपोशी होगी या....?
वैसे संघ ने अंत्रकलह से परे जाकर खामोश मेहनत की जिसमें परिणाम बदलने वाली मेहनत कहा जा सकता है संघ ने अपने कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने का काम किया जो कार्यकर्ता स्थानीय नेताओं के चलते नाराज थे उन्हें भी समझाया कि हमें नेताओं के बजाय विचारधारा के साथ रहना चाहिए मतदान प्रतिशत बढ़ाने में भी संघ की अहम भूमिका मानी जाती है क्योंकि मतदान के दिन संघ हर बुथ पर मतदाताओं केंद्र पहुंचने के लिए सुबह से जुड़ गए थे शत प्रतिशत मतदान करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।