शराब ठेकेदारों के साथ साझेदारी करने वाले सहायक आबकारी अधिकारी राधेश्याम रॉय विगत 15 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ
जयस ने की मुख्यमंत्री से शिकायत
--- ज्ञानेंद्र त्रिपाठी
शराब ठेकेदारों के साथ साझेदारी करने वाले सहायक आबकारी अधिकारी राधेश्याम रॉय विगत 15 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ हैं ।जयस पदाधिकारियों व समाजिक कार्यकर्ता विजय चौपड़ा ने इस संबंध मुख्यमंत्री से धार आगमन पर शिकायत की है साथ ही धार जिला मुख्यालय पर भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित, आदिवासी समाज की धर्मशाला एवम् अन्य 18 मांगों को लेकर माँग पत्र सौंपा है।शिकायत में कहा गया है कि धार जिले में शराब माफिया द्वारा अवैध शराब दूध की बंदी की तरह गांव गांव शराब परोशी जाती हैं जिस पर अति शीघ्र अकुंश लगाया जाए। जिसमे आदिवासी समाज एवम् शिक्षा पर विपरित प्रभाव पड़ता हैं।
धार जिले में सहायक आबकारी अधिकारी राधेश्याम रॉय जी निरंतर विगत 15 वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ हैं जो निर्वाचन आयोग एवम् सिविल सेवानाधिनिय के खिलाफ़ हैं। शराब ठेकेदारों के साथ साझेदारी व्यापार करते हैं आदिवासियो के साथ एवम् अन्य समाज के साथ शौषण,अत्याचार कर फर्जी 34(2) के प्रकरण दर्ज कर जैल भेजते हैं। एवम् महुआ की घरेलू उपयोग हेतू बनाने वाले आदीवासी लोगों के प्रति अमानवीयता जैसे बर्ताव करते हैं अन्य राज्यों में अवैध शराब की सप्लाई की जाती हैं ऐसे अधिकारियों पर कठौर कारवाई की जाये। धार जिले में शराब माफिया एवम् आबकारी अधिकारियों की मिली भगत विगत दिनों तिरला के समीप निवासी जिला पंचायत सदस्य के बेटे मगन पर गाड़ी चढ़ाकर मार दिया गया वहीं डही में जनपद सदस्य के बेटे अर्जुन पर गाड़ी चढ़ाकर उन्हें जान से मार दिया निरंतर आदिवासी समाज के साथ ऐसी साजिश कर घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा शीघ्र अंकुश लगाया जावे।
वही आदिवासी समाज एवम् जयस के प्रतिनिधि मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को 18 मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया जो इस प्रकार हैं।
धार जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होने के पश्चात् भी धार जिला मुख्यालय पर आदिवासी महापुरुपों की प्रतिमा स्थापित नहीं हैं मुख्यमंत्री जी से निवेदन किया धार जिला मुख्यालय पर महामानव भगवान बिरसा मुंडा एवम् महामानव टंट्या भील मामा की प्रतिमा स्थापित की जावे। साथ ही प्रत्येक आदिवासी जिला मुख्यालय पर आदिवासी महापुरुयों की प्रतिमा स्थापित की जावे। जिससे आदिवासी समुदाय को महापुरूषों के संघर्षों की प्रेरणा मिल सकें एवम् आदिवासी समुदाय का सम्मान हो सकें।
- धार जिला आदिवासी बाहुल्य जिला होने से सामाजिक कार्यक्रमों,पारिवारिक कार्यक्रमो में अनेकों समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं इस हेतु ज़मीन आवंटित कर मांगलिक भवन / धर्मशाला की निर्माण किया जावे। वहीं निवेदन यह भी किया 2018 में विश्व आदिवासी दिवस समारोह के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा घोषणा की गई लेकिन आज दिनांक तक कार्य पूर्ण नहीं हुआ आपसे अपेक्षा है आदिवासी समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र स्वीकृत की जावे।
- प्रदेश सरकार द्वारा वर्षों से लगभग 2 लाख से अधिक बेकलॉग के पद रिक्त पड़े हैं जिसकी शीघ्र भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जावे।
- आदिवासी छात्र छात्राओं की सम्पूर्ण छात्रवती अभी तक नहीं मिली है जिससे छात्र छात्राओं पर आर्थिक बोझ अत्यधिक बढ़ता है तुरंत छात्रवती देकर राहत प्रदान करने की कृपा करें।
- प्रदेश में 89 विकास खण्ड आदिवासी बहुल्य होने के कारण प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर आदिवासीयो के हितार्थ हेतु सामुदायीक/ मांगलिक भवन एवं धर्मशाला का निर्माण किया जावे।
- विभिन्न विभागीय परिक्षाओं कि साक्षात्कार कर पेनल में अजजा (आदिवासी) वर्ग का प्रतिनिधित्व अनिवार्य रूप से रखा जाये।
- प्रदेश में सी.एम राईज स्कूल की प्रक्रिया पर पुनः विचार करें क्योकि यह राष्ट्रीय शिक्षा निति के विपरित है ग्रामीण क्षेत्रो में जो संचालित हो रहे विद्यालय है उन्हें बन्द नहीं किया जावे। क्योकि विद्यालय नजदीक होने से छात्र छात्राऐ ग्रहकार्य के साथ भी अध्ययन कर सकत है किन्तु विद्यालय दूर होने से आदिवासी छात्र एवं छात्राऐ पड़ाई से वंचित रह जायेगे।
- आउट सोसर्सिंग के माध्यम से भरे जाने वाले पद सम्पुर्ण विभागों में प्रक्रिया को तुरंत बंद किया जाये। ताकि लाखो बेरोजगार युवाओ को रोजगार मिल सके।
- आदिवासी वर्ग कि आय सीमा सामान्य वर्ग के समान 8 लाख की जावे। जिसमे अधिक से अधिक समाज को लाभ मिल सके।
- सम्पुर्ण छात्रावासो में सी.टो कि संख्या बढ़ाई जावे क्योकि हजारो छात्र छात्राये निजि व्यवस्था से अध्ययन कर रहे है। जिन्हे छात्रावास सुविधा नहीं होने के कारण विच में अध्ययन करना छोड़ना पड़ता है। साथ ही जिले में जिस वर्ग का छात्रावास हो उसी वर्ग के छात्रावास अधिक्षक कि नियुक्ति कि जाना नियमानुसार सुनिश्चित है। किन्तु धार एवम् प्रदेश के सम्पूर्ण जिलों में सम्पूर्ण छात्रावासों में यह नियुक्ति नियम विरुद्ध है जिससे छात्र छात्राओ को अनेको परिस्थिति का सामना करना पड़ता है।
- शिक्षको को शिक्षण के अलावा अन्य कार्यों में ना लगाया जावे जिसमे पूर्ण से वह शिक्षण पर ध्यान नहीं दे पाते हैं जिससे छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता है इस हेतू शिक्षकों को सिर्फ शैक्षणिक कार्यों के अलावा अन्य कार्यों में विल्कुल ना लगाएं, एवम् आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व संपूर्ण विभागीय कर्मचारियों को निरंतर शासकीय कार्यक्रमो में भीड़ के लिए शामिल ना किया जावे जिस पर भी शीघ्र अंकुश लगाया जावे।
- धार जिले के पर्यटक स्थल मांडव के समीप सुलीबयडी में भू माफिया JMD कंपनी द्वारा आदिवासी की जमीनों पर अवैध अतिक्रमण किया जा रहा वहीं भारत सरकार की पुरातत्व विभाग की अमूल्य धरोहर महलनुमा आकार को तोड़ दिया गया, वहीं शासकीय विद्यालय की दीवार एवम् माननीय प्रधानमंत्री महोदय की योजनाओं में बनाए गए स्वच्छ भारत के कंपोस्ट एवम् शौचालय भी तोड़ कर अतिक्रमण कर लिया गया है। भू माफिया पर तुरंत कारवाई कर कंपनी के कार्य को पूर्ण रूप से रोका जाएं एवम् उक्त कंपनी पर कारवाई की जावे।
- धार जिला मुख्यालय पर अंबेडकर अनुसंधान केन्द्र की RTO के सामने एवम् कृषि विभाग की पाडलिया दिलावरा रोड़ पर सैकडो हेक्टियर ज़मीन पर भू माफियो ने कब्ज़ा जमा रखा उसे सुरक्षित कर विभागीय प्रयोगशालाएं एवम् अनुसंधान केंद्र बनाया जाएं साथ ही कृषि से संबंधित उत्पादक नर्सरी खोली जाएं। ताकि धार जिले के विद्यार्थियों एवम् किसानों को जिसके माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा सके।
- धार जिले के तिरला के कुआ पंचायत में स्थित मोड़ी डेम जो वर्ष में निर्माणधिन था जिसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया जिससे निर्माण के बाद आज दिनांक तक डेम के अन्दर से रिसाव कि स्थिति बनी रहती है प्रत्येक वर्ष दरार के उपर मुरम डालकर उसे दवा दिया जाता है वही कभी भी डेम फुटने की संभावना बनी रहती है जिसके कारण भी वड़ी जन हानि हो सकती है क्योकि डेम के निचले हिस्से कि और दर्जनो से अधिक गाँव स्थित है। उक्त डेम के अन्तर्गत ग्राम उकाला में आवगमन हेतु दर्जनो से अधिक गाँव के छात्र छात्राओ एवं ग्रामीणो का एक मात्र पुलिया वना हुआ था जोकि डेम में डूबने के कारण बुरी तरह से जर जर हो गया है। एवं अभी भी डेम के अन्दर पानी भरा हुआ होने से डूब चुका है फिर भी छात्र छात्राऐ एवं राहगिर जान जोखिम में डालकर विधालय जाते है। जिससे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। तुरंत पुलिया निर्माण कर क्षेत्र कि जनताओ को सुविधाएं मुहैया कराई जाये।
-.धार जिला भोज हॉस्पिटल में आदिवासी समाज व अन्य सभी वर्गों के गरीब मरिजो के साथ ईलाज के नाम पर कुछ डॉक्टरों ने भारी लुटपाट मचा रखी है वही भोज हास्पिटल में उपचार हेतु आने वाले मरिजो को निजि अस्पतालो में भेजकर भोज हास्पिटल में पदस्थ डॉक्टर निजि हॉस्पिटल में आपरेशन, उपचार हेतु जाते है जो कि नियम विरुद्ध है। जाकर मोटी कमाई करते हैं जिस पर तुरंत अंकुश लगाया जावे,गरीब आदिवासी समाज एवम् संपूर्ण समाज जनों के लोगो को परेशानी का सामना ना करना पड़े। उन्हें राहत मिले एवम् शासकीय अस्पताल में उचित उपचार मिल सके।
इस दौरान आदिवासी /जयस के प्रतिनिधि मंडल के रूप में विजय सिंह चोपड़ा, भानु गिरवाल, मिथुन मालीवाड, राज वसुनिया, विजय गिरवाल आदि उपस्थित थे।
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