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भोजशाला सर्वे का आज आखिरी दिन- हाईकोर्ट में कल प्रस्तुत होगी रिपोर्ट,

भोजशाला सर्वे का आज आखिरी दिन: हाईकोर्ट में कल प्रस्तुत होगी रिपोर्ट,


✍️- ज्ञानेंद्र त्रिपाठी 
धार। भोजशाला ASI सर्वे का आज रविवार को 38 वां दिन है। 29 अप्रैल को ASI को हाईकोर्ट में रिपोर्ट सौंपनी है। हालांकि, सर्वे की अवधि बढ़ाने ASI कोर्ट में आवेदन दे चुका है। सर्वे के लिए 8 सप्ताह का समय और मांगा गया है। वहीं आज भोजशाला में दरगाह परिसर में अकल कुइंया का सर्वे लगातार जारी है। अभी तक तीन दीवारों की लेयर ,सनातनी अवशेष ,गौमुख ,मूर्तियां, कई शिलालेख मिलने का दावा दोनों ही पक्ष कर चुके हैं। 38 दिनों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट कल हाई कोर्ट मे प्रस्तुत की जाएगी। साथ ही कितना काम बाकी है इसकी जानकारी भी कोर्ट में देते हुए समयावधि बढ़ाने की मांग की जाएगी। जानकारी के अनुसार जीपीआर मशीन एवं कई आधुनिक मशीनों से जांच भोजशाला में होनी है। जिससे कि आने वाले दिनों में सर्वे की गति और बढ़ेगी।


50 मीटर के दायरे में कच्चे व पक्के स्थानों पर प्राचीन अवशेषों का पता लगाएगी GPR मशीन

हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने कहा कि पिछले 2 दिनों से हैदराबाद से आए विशेषज्ञ भोजशाला, कमाल मौलाना दरगाह परिसर ओर 50 मीटर के दायरे में GPR मशीन से जांच के लिए स्थान चिन्हित कर रहे हैं। इस सप्ताह GPR मशीन आएगी। यह मशीन भोजशाला में कमाल मौलाना दरगाह परिसर ओर 50 मीटर के दायरे में कच्चे व पक्के स्थानों पर प्राचीन अवशेषों का पता लगाएगी।

मुस्लिम पक्ष ने जताई आपत्ति, सर्वे में कुछ चीजें विरुद्ध गई है

वही मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद खान ने कहा कि अब तक चले सर्वे में हमारा पूरा सहयोग रहा, लेकिन सर्वे में कुछ चीजें विरुद्ध गई है। 1 अप्रैल को माननीय न्यायालय ने आदेश दिया था उसके बाद जो चीजें की गई है उसमें हमे आपत्ति थी। हमने ASI को आपत्तियां दर्ज कराई है। इन सभी मामलों में हमारे वकील कल होने वाली सुनवाई में तर्क देंगे। ASI द्वारा सर्वे के समय को बढ़ाने के लिए जो आवेदन दिया है उसमें भी हम कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराएंगे, क्योंकि सर्वे में जो गड्ढे खोदे गए हैं वो अब भी खुले पड़े हैं। गड्डो में पानी नहीं भरे ऐसा कोई इंतजाम नहीं किया गया है। जिससे मॉन्यूमेंट को खतरा है।

11 मार्च को हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

ज्ञात रहे कि  मध्य प्रदेश उच्च हाईकोर्ट के निर्देश पर धार के भोजशाला परिसर में ASI एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर रहा है। हिंदू पक्ष का दावा है कि 11वीं सदी के स्मारक भोजशाला में देवी सरस्वती का मंदिर हैं, जबकि मुस्लिम समुदाय यहां कमल मौला मस्जिद होने का दावा कर रहे हैं। हाईकोर्ट ने 11 मार्च को ASI को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला-कमल मौला मस्जिद परिसर का ‘वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ करने का आदेश दिया था।

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