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संदेशखाली में महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार के विरोध में संवर्धनी शक्ति समुह ने राष्ट्र पति के नाम सौपा ज्ञापन

संदेशखाली में महिलाओं पर अमानवीय अत्याचार के विरोध में संवर्धनी शक्ति समुह ने राष्ट्र पति के नाम सौपा ज्ञापन
 
धार । संदेशखाली (पश्चिम बंगाल) में महिलाओं,बच्चों एवं परिवारों पर हो रहे अमानवीय अत्याचारों  एवं हिंसा विरोध करते हुए संवर्धनी शक्ति समुह ने राष्ट्र पति के नाम ज्ञापन सौपा। ज्ञापन में कहा गया कि विगत अनेक माहों से घटित हो रही इस प्रकार की निरंतर घटनाएं,  कुछ दिनों पहले  ईडी के अधिकारियों पर हमला होने और अभियुक्त शहजाद शेख के फरार होने के बाद ही समाज के समक्ष आ पायी।राजनैतिक तथा धार्मिक कारणों से प्रेरित ये कृत्य पुलिस प्रशासन एवं पश्चिम बंगाल सरकार की अकर्मण्यता एवं संवेदनहीनता को उजागर कर रही हैं।
बच्चों और महिलाओं के साथ बर्बरता पूर्वक व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मार-पीट की अनेकों घटनाएं लगातार निकलकर सामने आ रही हैं जो पश्चिम बंगाल की कानून व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करती हैं I अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के कितने ही मामले लगातार उजागर हो रहे हैं। 
 इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की  महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की  चिंताजनक स्थिति सामने आई है । स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की थी।
राजनैतिक, धार्मिक, आर्थिक मुद्दों में सरकार का संरक्षण प्राप्त मुस्लिम माफिया द्वारा हिन्दू महिलाओं एवं बच्चों को  निशाना बनाना अत्यंत अमानवीय, अपमानजनक एवं पीड़ादायक है। 
इन अमानवीय, बर्बर एवं क्रूरतापूर्ण घटनाओं को लेकर संपूर्ण भारत के सभ्य समाज में तीव्र आक्रोश तथा विरोध की भावना व्याप्त है।
हम इस प्रकार के अत्यंत पीड़ादायक अत्याचार की घटनाओ की घोर निंदा एवं विरोध करते हैं।

हम 'संवर्धनी शक्ति समूह , धार एतद द्वारा मांग करते हैं कि पश्चिम बंगाल में हो रहे इन कृत्यों के लिए दोषियों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। साथ ही यह भी निवेदन है कि, पश्चिम बंगाल राज्य शासन के द्वारा आरोपियों का पक्षधर होने एवं पीडितो की कोई सुनवाई नहीं होने से भविष्य में भी पीडितो का पक्ष शासन द्वारा न्यायालय में ठीक से रखा जाने की सम्भावना क्षीण है अत: आपराधिक प्रकरणों को अन्य राज्य में अंतरित किया जाये |   

* सभी दोषियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज करके जल्द विशेष न्यायालय (फास्ट ट्रॅक कोर्ट) में केस चलाकर शीघ्र न्याय दिया जाए।

* सभी पीड़ित महिलाओं, बच्चों एवं परिवारों को सुरक्षा एवं आर्थिक सहायता तुरंत प्रदान की जाए।

* पश्चिम बंगाल सरकार एवं पुलिस तुरंत इस पर कार्रवाई करें।     

*  केंद्रीय गृह मंत्रालय तुरंत ही इन सभी घटनाओं का संज्ञान लेकर भारतीय संविधान एवं अन्य कानूनों के तहत उपयुक्त कार्रवाई करे।
 राष्ट्रीय महिला आयोग,  राष्ट्रीय  मानवाधिकार आयोग,  राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा दखल देने का हम स्वागत करते हैं ।
ज्ञापन का वाचन संवर्धनी शक्ति समूह की नगर सदस्य अर्चना मुकाती ने किया।

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