हरदा पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट,11 लोगों की मौत,रेस्क्यू में सेना की मदद,
✍️- ज्ञानेंद्र त्रिपाठी
भोपाल । हरदा में मगरधा रोड स्थित पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में मरने वालों को संख्या ग्यारह हो चुकी है। 100 से ज्यादा घायल हैं। फैक्ट्री के आसपास सड़क पर भी कुछ शव पड़े हुए दिख रहे हैं। तथा कई मुक पशु भी आग की चपेट में आए हैं प्रशासन ने 25 से ज्यादा घायलों को हरदा जिला अस्पताल में भर्ती कराया है।
जानकारी मिली है कि फैक्ट्री के आसपास बने घरों में बारूद रखा था। धमाके के बाद 60 घरों में आग लग गई। आसपास के कई मकान पूरी तरह ध्वस्त हो चुके हैं।एहतियातन 100 से ज्यादा घरों को खाली कराया गया है। आसपास के कई मकानहरदा के आसपास 7 जिलों की फायर ब्रिगेड बुलाई गई हैं। आग लगने का कारण फिलहाल अज्ञात है। हरदा एसडीएम केसी परते ने कहा कि फैक्ट्री अनफिट थी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हरदा ब्लास्ट को लेकर आपात बैठक बुलाई। साथ ही मंत्री उदय प्रताप सिंह के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को हरदा पहुंचे और उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया । प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने यह भी कहा कि हादसे में मारे गए लोगों के परिवार की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का खर्च भी सरकार ही उठाएगी। वहीं, आसपास के सात जिलों से फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस हरदा पहुंच गई हैं। भोपाल से गए अधिकारियों ने भी मोर्चा संभाल लिया है।
ब्लास्ट होने का सिलसिला थम नहीं रहा, जिससे राहत एवं बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं। एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। आग लगने के समय 30 से अधिक मजदूर फैक्ट्री में काम कर रहे थे। घायलों और मृतकों में बच्चों और महिलाओं के होने की भी आशंका व्यक्त की जा रही है। शुरुआती जानकारी के अनुसार यह पटाखा फैक्ट्री राजू अग्रवाल की है जो घटना के पश्चात से वह वहां से गायब हो गया है। ब्लास्ट इतने भीषण थे कि आसपास के मकान गिर गए।
सड़क किनारे पड़ी हैं लाशें
हादसे के बाद पास की सड़क पर वाहन उछलकर दूर गिर गए। कुछ लोगों की मौत सड़क पर ही हो गई। उनकी लाशें सड़क किनारे पड़ी है। हरदा कलेक्टर ऋषि गर्ग ने मौतों की पुष्टि नहीं की है। उन्होंने कहा कि 20 से 25 लोग घायल हुए हैं। कुछ की हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एनडीआरएफ औऱ एसडीआरएफ की मदद ली जा रही है। हमारा फोकस बचाव एवं राहत कार्यों पर है।
100 से ज्यादा घर खाली कराए
पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट के बाद आसपास के 60 से ज्यादा घरों में आग लग गई। फैक्ट्री के आसपास सड़क पर कुछ शव पड़े दिखे हैं। 25 से अधिक घायलों को हरदा जिला अस्पताल ले जाया गया है। प्रशासन ने 100 से ज्यादा घर खाली करवा दिए हैं। धमाके की चपेट से पास की सड़क पर चल रहे वाहन भी कुछ दूरी तक उछल गए। क्षेत्र में अफरातफरी का माहौल है। फैक्ट्री से उठती आग की लपटें और धुएं का गुबार दूर से देखा जा सकता है।
हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर
हरदा से भोपाल के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया है। पटाखा फैक्ट्री के घायलों को ग्रीन कॉरिडोर से भोपाल के हमीदिया अस्पताल और एम्स भोपाल पहुंचाया गया है। पटाखा फैक्ट्री के विस्फोट में घायल कुछ लोगों को हरदा जिला अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया है मोहम्मद सुलेमान की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया गया है.
सिवनी मालवा तक असर
हरदा में पटाखा फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट का असर 40 किलोमीटर दूर सिवनी मालवा तक हुआ। यहां नगरीय सहित ग्रामीण अंचलों में भूकंप जैसे झटके महसूस किए गए। हिरनखेड़ा के बसंत कुमार लिटोरिया का दावा है कि वे तालाब के पास खड़े थे, वहां आवाज आज आई और शरीर में कंपन होने लगा। इसी तरह अंकित गौर ने कहा कि वे लैपटॉप पर काम कर रहे थे। इसी दौरान दो बार तेज आवाज आई। ऐसा लगा जैसे डीजे चल रहा हो। इसी तरह सिवनी मालवा के सूरजपुर, लोखरतलाई, रावनपीपल, थुआ, झकलाय, बाबरी सहित नगरीय क्षेत्र में झटके महसूस किए गए।
हरदा विधायक ने की भावुक अपील
हरदा से कांग्रेस विधायक रामकिशोर दोगने ने हादसे पर दुख जताते हुए भावुक अपील की। उन्होंने हरदा की जनता से अपील की कि अपने वाहन लेकर अस्पताल पहुंचे। घायलों को भोपाल या बड़े शहरों में शिफ्ट करने में मदद करें।
जांच के आदेश, गृह सचिव करेंगे जांच
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि घटना दुखद है। सरकार पूरी मुस्तैदी से बचाव एवं राहत कार्यों में लगी है। प्रति परिवार चार-चार लाख रुपये देने की घोषणा की है। जांच के आदेश दिए गए हैं। गृह सचिव खुद जांच कर मुझे रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री राहत कोष से सहायता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना हरदा की घटना पर दुख व्यक्त कर किया है तथा प्रधानमंत्री सहायता कौशिक घायलों के 50-50000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की है
रिहायशी इलाके में थी फैक्ट्री
स्थानीय रह वासियों का कहना है कि 2 वर्ष पूर्व भी ग्रामीण इलाके में इसी फैक्ट्री में आग लगी थी और जनहानिया हुई थी, तब भी प्रशासन द्वारा कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई। उसके बाद यहां रहवासी इलाके में यह फैक्ट्री खोली गई। यह पूरा जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ है।