धार जिले के पहले लव जेहाद मामले में दो आरोपियों को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई
धार से ज्ञानेंद्र त्रिपाठी
धार। अपना नाम व जाति, धर्म छिपाकर लज्जा भंग करने के आरोप में पंचम अपर सत्र न्यायाधीश ने दो आरोपी को 03-03 वर्ष का सश्रम कारावास व 29,000/- रूपये के अर्थदण्ड से न्यायालय द्वारा अर्थदण्डित किया गया ।
घटना दिनांक 20 जून 2024 की शाम को केसुर रोड़ सादलपुर मे जुनेद की जे.के. मेडिकल मेडिकल दुकान पर आरोपी शाहरूख ने लज्जा भंग करने से आशय से पीडिता का हाथ पकड़कर दुकान के अंदर ले जाकर आपराधिक बल का प्रयोग करने व शारीरिक संपर्क कर लैगिंग संबंध बनाने हेतु स्पष्ट प्रस्ताव देने एवं आरोपी शाहरूख द्वारा 1 जनवरी से लेकर 20 जू के मध्य अपना सही छुपाते हुए पीडिता को रोहित नाम बताकर कपट पुवर्क षडयंत्र कर पीडिता की फोटों प्राप्त कर बदनाम करने की धमकी देते हुए धर्म संबंधित परिवर्तन करने का प्रयास करने व सह आरोपी जुनेद द्वारा पीडिता के साथ बुरी नियत से अपनी दुकान के अंदर छूने लगा। पीडिता के चिल्लाने पर घटना स्थल पर उसका भाई, पिता अन्य लागों के आ जाने पर आरोपी शाहरूख घटना स्थल से भाग गया व आरोपी जुनेद को पुलिस द्वारा मौके से गिरप्तार किया गया।
पीडिता के लिखित आवेदन पर पर सादलपुर पुलिस नेआरोपीगण शाहरूख व जुनेद के विरूद्ध थाना सादलपुर थाना प्रभारी सविता चोधरी द्वारा अनुसंधान कर आरोपीगण के विरूद्ध अपराध धारा 354, 354(क), 323, 506 भादवि एवं म.प्र. धार्मिक स्वतत्रता अधिनियम 3/5 के अंतर्गत अपराध कायम कर आरोपीगण को गिरप्तार किया गया।
प्रकरण में पंचम अपर सत्र न्यायाधीश धार में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित द्वारा 08 साक्षियों के कथन न्यायालय में करवाये गये बचाव पक्ष की और से 02 साक्षी के कथन हुए। न्यायालय में हुए कथनों व अनुसंधानकर्ता के कथनों पर दोषी पाते हुए आरोपी शाहरूख पिता इसरायल निवासी चौकी सेवरा थाना सादलपुर को अपराध धारा 3/5 म.प्र.धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम में 03 वर्ष का सश्रम कारावास व 25,000/- रूपये का अर्थदण्ड व दोनों आरोपी शाहरूख व जुनेद पिता फारूख निवासी हताई मोहल्ला केसुर कोअपराध धारा 354, 354(क) के आरोप में 02 वर्ष व 01 वर्ष के सश्रम कारावास व 4000/-रूपये के अर्थदण्ड व कुल 29,000/- के अर्थदण्ड से आरोपी को दंडित किया गया । आरोपी शाहरूख पूर्व से जेल में बंद होने से आरोपी शाहरूख व जुनेद का सजा वारंट तैयार किया गया । शासन की और से अभियोजन की और से अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक द्वारा शरद कुमार पुरोहित द्वारा पैरवी की गयी
मामले में न्यायालय में दी टिप्पणी-
न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में यह भी विशेष रूप से उल्लेख किया कि ‘‘ वर्तमान परिवेश में उक्त प्रकृति के अपराध में काफी वृद्धि हो रही है तब उक्त प्रकृति के अपराधों की रोकथाम के लिये आरोपीगण को कठोर दण्ड से दंडित किया जाना न्यायोचित प्रतित होता है,जिससे न्यायायिक उद्देश्य की पुर्ति हो सकें ।’’
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