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अब तक जिन्होंने गुजारी उज्जैन में रात उनकी गई सत्ता, मुख्यमंत्री ने रात्रि विश्राम कर तोड़ा वर्षों पुराना मिथक - ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट

अब तक जिन्होंने गुजारी उज्जैन में रात,उनकी गई सत्ता,
मुख्यमंत्री ने रात्रि विश्राम कर तोड़ा वर्षों पुराना मिथक,
बोले- मैं राजा नहीं, महाकाल का बेटा हूं।
              उज्जैन को लेकर वर्षों से ऐसी मान्यता है कि अगर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता रात में उज्जैन एक रात रुक जाते हैं तो वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं। धार्मिक नगरी उज्जैन के राजा सिर्फ बाबा महाकाल हैं इनके अलावा इस नगरी में पद पर रहने वाला कोई भी व्यक्ति रात नहीं गुजारता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और किसी भी प्रदेश के मुख्यमंत्री व दिग्गज नेता रात में उज्जैन एक रात रुक जाते हैं तो वह सत्ता से बाहर हो जाते हैं। आज के पूर्व दो बार यह बात सच भी हो चुकी है, क्योंकि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई एक रात उज्जैन में रुके थे और दूसरे दिन ही उनकी सरकार गिर गई थी। वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने भी उज्जैन में रात्रि विश्राम किया था, जिसके 20 दिन बाद उन्हें अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ा था।
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने गीता कॉलोनी स्थित मकान में रात गुजर कर एक ऐसा मिथक तोड़ दिया।
बताया जाता है कि छत्रीचौक पर आम सभा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी देने के दौरान इस मिथक के बारे में भी कहा था कि मैं राजा नहीं हूं मैं तो बाबा महाकाल का बेटा हूं और बाबा महाकाल के मुख्य सेवक के रूप में ही काम कर रहा हूं। उज्जैन में मेरी उपस्थिति सीएम के रूप में नहीं बल्कि बाबा महाकाल के सेवक के रूप में है। उन्होंने आमसभा के दौरान ही यह स्पष्ट कर दिया था कि मैं बाबा महाकाल का सेवक बनकर यही रात्रि विश्राम करूंगा और ऐसे जो मिथक हैं उसे मैं तोड़ दूंगा। मुझे मेरे पिता बाबा महाकाल पर पूरा भरोसा है वो अपने बेटे का कभी गलत नहीं करेंगे।

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