मोहन यादव होंगे मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर लगी मोहर
-ज्ञानेंद्र त्रिपाठी की रिपोर्ट
मध्यप्रदेश उज्जैन के दक्षिण- पश्चिम से विधायक युवा चेहरा मोहन यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने प्रदेश के सभी बड़े नेताओं को दरकिनार करते हुए यादव का नाम भेजा। जिस पर विधायक दल की बैठक में मोहर लगा दी गयी। महाकाल के रहने वाले मोहन यादव शिवराज मंत्रिमण्डल में उच्च शिक्षा मंत्री रहे है। नरेन्द्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष तथा उप मुख्यमंत्री के तौर पर राजेन्द्र शुक्ला एवं जगदीश देवड़ा को शपथ दिलाई जाएगी। बीजेपी ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है। यादव के नाम का प्रस्ताव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रखा। पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में यह बैठक हुई। मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कई नाम आगे चल रहे थे। इनमें मौजूदा सीएम शिवराज सिंह चौहान, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, नरेंद्र सिंह तोमर का नाम रेस में सबसे आगे माना जा रहा था। जबकि बीजेपी आलाकमान ने एक ही नाम मोहन यादव का तय कर पर्यवेक्षकों को भेजा था। जिसे खट्टर ने बैठक में बताया।
पहली बार 2013 में बने थे विधायक-
वे साल 2013 में पहली बार एमएलए बने थे। शिवराज सरकार में रह चुके हैं उच्च शिक्षा मंत्री। शाम सवा पांच बजे यह खबर आई की शीघ्र ही मोहन यादव राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया है । जातीय समीकरण को देखा जाए तो मुख्यमंत्री के रूप में ओबीसी चेहरे के साथ ही सामान्य वर्ग से नरेन्द्र सिंह तोमर को अध्यक्ष विधानसभा की जिम्मेदारी देना तय हुआ है। इसी प्रकार सामान्य वर्ग से राजेन्द्र शुक्ला को उप मुख्यमंत्री तथा अनुसूचित जाति से जगदीश देवड़ा को उप मुख्यमंत्री बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह की जोड़ी ने मध्यप्रदेश में भी चौकाने वाले नाम को मौका देकर बीजेपी की कार्यशैली को सामने रखा है। बीजेपी ने विध्य, मालवा एवं चम्बल-ग्वालियर संभागों को अब तक महत्व दिया है।
इसके पूर्व भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्यालय में विधायक दल की बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, पर्यवेक्षकगण हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण एवं पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शिष्टाचार बैठक में शामिल हुए।
नाम की घोषणा के एक घंटे बाद नवनियुक्त मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सभी वरिष्ठ नेताओं का आभार माना। उन्होंने कहा कि मैं मोदी के मन में मोदी एवं मोदी के मन में मोदी को प्रदेश में साकार करने की कोशिश करूंगा। यह पांचवीं बार प्रद्रेश में बीजेपी को मौका मिला है। इस बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि अब हम राजभवन जाकर विधायक दल की बैठक में हुए निर्णय की जानकारी राज्यपाल महोदय को देंगे। इस बीच लगभग साढ़े 18 वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान राज्यपाल को अपना इस्तीफा देने के लिए शाम लगभग पौने 6 बजे राजभवन पहुंचे।
मोहन यादव के व्यक्तित्व के बारे में जानकारी-
मोहन यादव 1982 में वे माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के सह-सचिव और 1984 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने वर्ष 1984 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 मे विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली। यही नहीं वर्ष 1988 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री और सन 1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री रह चुके हैं।1993-95 में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन नगर के सह खंड कार्यवाह, सायं भाग नगर कार्यवाह और 1996 में खण्ड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे हैं। संघ में सक्रियता की वजह से मोहन यादव 1997 में भाजयुमो प्रदेश समिति में अपनी जगह बनाई। 1998 में उन्हें पश्चिम रेलवेबोर्ड की सलाहकार समिति के सदस्य भी बने। इसके बाद उन्होंने संगठन में रहकर अलग-अलग पदों पर काम किया। 2004-2010 के बीच वह उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) रहें। 2011-2013 में मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम, भोपाल के अध्यक्ष (कैबिनेट मंत्री दर्जा) भी बने। पहली बार 2013 में वह विधायक बने। 2018 में भी पार्टी ने उनपर भरोसा किया और वह चुनाव जीतने में सफल रहे। 2020 में जब बीजेपी की सरकार बनी तो मोहन यादव फिर से मंत्री बने।