मुख्यमंत्री शिवराज से मिले धरमपुरी के नवनिर्वाचित विधायक ठाकुर, क्षेत्र के विकास की हुई चर्चा, मुख्यमंत्री ने मुंह मीठा कराया
- अभिजीत पंडित अमझेरा
धरमपुरी से नवनिर्वाचित विधायक कालूसिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भोपाल सीएम हाउस जाकर भेंट की। ठाकुर ने उन्हें मिठाई खिलाकर मध्य प्रदेश में भाजपा की जीत के लिए शुभकामना दी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मिठाई खिलाकर दूसरी बार विधायक निर्वाचित होने पर कालू सिंह ठाकुर की पीठ थपथपाई और उनका मुंह मीठा कराया। इस अवसर पर विधायक ठाकुर ने धरमपुरी क्षेत्र के विकास की कई योजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से चर्चा की और उनका ध्यान आकर्षित करवाया। इस पर शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आदिवासी क्षेत्र का विकास भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिकता है जिस हिसाब से मालवा निमार के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा को आशीर्वाद मिला है उसे यह साफ है कि भाजपा सरकार की नीतियों को सभी ने स्वीकार किया है और यह सरकार की नीतियों की जीत है। कालूसिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की धरमपुरी विधानसभा सीट को हमने भारतीय जनता पार्टी की झोली में डाला है।मां नर्मदा का जल विधानसभा क्षेत्र के छोटे-छोटे गांव मजरो तक पहुंचाना किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करना शिक्षा स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ कर क्षेत्र के पर्यटन स्थलों का विकास और शासन की योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना मेरा परम लक्ष्य रहेगा। धरमपुरी विधानसभा में विकास की गंगा बहाना मेरा प्रथम लक्ष्य रहेगा।
गौर तलब है कि कालू सिंह ठाकुर राजनीति के अब तक के अजेय योद्धा रहे हैं। वह अपने 30 वर्ष की राजनीति में पच और सरपंच रहे उसके बाद दो बार नालछा जनपद के अध्यक्ष रहे 2013 में उन्हें जनता ने विधायक बनाया और धरमपुरी से ही 2023 में वह दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए। इस बार धरमपुरी की जनता को विश्वास है कि मध्य प्रदेश के मंत्रिमंडल में धरमपुरी को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। धार जिले की पांच आदिवासी विधानसभा क्षेत्र में चार पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया जबकि बदनावर सामान्य सीट से भी कांग्रेस जीती। ठाकुर ने धरमपुरी में भाजपा को विजय दिलवाकर जिले में भाजपा का सम्मान बचाया । ऐसे में क्षेत्र की जनता को उम्मीद है कि धरमपुरी को सम्मान मिलेगा। 2013 में उनके विधायक रहते क्षेत्र को विकास की कई बड़ी सौगातें मिली है जो 2023 में उनकी जीत का आधार बनी।