गला दबाकर पत्नि की हत्या करने वाले आरोपी पति को आजीवन कारावास, धार न्यायालय द्वारा दण्डित किया गया
धार जिले के पीथमपुर मैं गला दबाकर पत्नी की हत्या करने वाले आरोपी को धार न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास व 2000 का अर्थ से दंडित कर जेल भेजा गया।
घटना दिनांक 26 जनवरी 2022 को छोटी वैष्णव कॉलोनी सेक्टर 1 पीथमपुर में किराए के मकान में रहने वाली मृतिका सोनु डावर जो तिरूपति बालाजी कंपनी पीथमपुर मे हेल्पर का कार्य करती थी उसने ने आरोपी नारायण पिता शेरसिंह डावर से दूसरी शादी की थी। । घटना दिनांक को आरोपी नारायण मृतिका सोनु के घर पिथमपुर आया और दोनों ने खाट पर बैठकर शराब पी, चरित्र शंका की बात को लेकर आरोपी नारायण ने खाट की जरीनुमा रस्सी से गला दबाकर सोनु की हत्या घर के बाहर से ताला लगाकर चाबी कब्रीस्तान के पास पत्थर के नीचे छुपा दी ।
मृतिका सोनु की लडकी व दामाद घटना के 1 दिन पूर्व से मृतिका को फोन लगा रहे थे । मृतिका फोन नही उठा रही थी । सोनु के साथ कार्य करने वाले फैक्ट्ररी के परसराम पाल को फोन लगाकर घटना के बारे में जानकारी दी उसके द्वारा बताया गया कि मृतिका के घर पर ताला लगा हुआ है । मृतिका की लडकी, दामाद व परसराम पाल आरोपी के धार स्थित घर पर तलाश करने के लिए आये नही मिलने पर आसपास रिश्तेदारों में तलाश किया । वापस मृतिका के पीथमपुर स्थित किराये के घर पर आये । मृतिका के दामाद ने घर पर लगे ताला को तोडकर देखा तो मृतिका की लाश कपडो में लिपटी हुई खाट पर पडी हुई थी । पुलिस को सुचना दी गई पुलिस मौके पर आई । पुलिस ने आरोपी नारायण पिता शेरसिंह के विरूद्ध धारा 302, 201 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर प्रकरण का अनुसंधान निरीक्षक थाना से. 1 पीथमपुर लोकेशसिंह भदौरिया व सउनि चन्द्रशेखर पटेल द्वारा किया गया । प्रकरण विचारण हेतु चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय धार में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया । प्रकरण में अभियोजन कि ओर से 15 गवाहों का परीक्षण करवाया गया । न्यायालय द्वारा प्रकरण में आई साक्ष्य के आधार पर परिस्थितिजन्य साक्ष्य की प्रत्येक कड़ी को विनिर्दिष्ट प्रमाण द्वारा संदेह से परे अभियोजन प्रमाणित करने में सफल रहा मानकर व मृतिका के मोबाईल पर आई फोन कॉल की डिटेल आरोपी द्वारा ताले की चाबी को आरोपी द्वारा बताये स्थान से जप्त कर जरीनुमा रस्सी से मृतिका का गला दबाकर हत्या करने का दोषी पाकर आरोपी नारायण पिता शेरसिंह डावर निवासी सुनैडी थाना अमझेरा को अपराध धारा 302 भादवि में दोषी पाते हुये आजीवन कारावास से व 2000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित कर आरोपी का सजा वारंट तैयार कर आरोपी को जेल भेजा गया । अपराध पीडित प्रतिकर राशि मृतिका की पुत्री व पुत्र को दिलाये जाने का आदेश दिया गया । प्रकरण में अभियेाजन की ओर से अतिरिक्त शासकीय लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित द्वारा पैरवी की गई ।
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