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18 साल देश की सेवा कर घर लौटे रिटायर फौजी का जोरदार स्वागत, लोगों ने फूलों से लादा

18 साल देश की सेवा कर घर लौटे रिटायर फौजी का जोरदार स्वागत, लोगों ने फूलों से लादा

✍️- ज्ञानेंद्र त्रिपाठी
धार। धार नगर के मगजपुरा निवासी धीरेन्द्र पिता श्री मुन्नालाल लश्करी ने भारतीय सेना के आर्मी मेडिकल कोर में लेब टेक्नीशियन के पद पर वर्ष 2006 से पदस्थापना पर रहते हुए अपनी  18 वर्षो की सेवाएं भारतीय सेना को प्रदान कर दिनांक 31 मई 2024 को सेवानिवृत्त हुए। धार नगर के मगजपुरा अपने पैतृक निवास स्थान पर पहुंचने सैनिक का भव्य स्वागत त्रिमूर्ति चौराहे पर भारत माता के जयकारों के साथ ढोल ताशे के साथ हर्षोल्लास से पुष्प बरसाकर स्वागत किया व पटाखे भी फोड़े।

 उनके स्वागत में खुशी का इजहार करते हुए उनके पिता मुन्नालाल लश्करी अपने हाथों में तिरंगा ध्वज लेकर लहरा रहे थे। परिजनों ने उनके आने पर सर्वप्रथम तिलक लगाकर स्वागत किया, उसे दौरान पूरा परिवार भाव विभोर होकर उनका आत्मीय स्वागत कर रहा था।  तत्पश्चात उन्होंने संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। त्रिमूर्ति चौराहे से मगजपुरा सैनिक के घर तक सेवा निवृत्त फौजी श्री यादव को नगरवासी जन रैली निकालकर ले गए। जगह-जगह उनका स्वागत पुष्पवर्षा से किया गया। साथ ही भारत माता की जय और वन्देमातरम के नारों से पूरी रैली सराबोर हो गई।

श्री लश्करी की यहां रही पद पद स्थापनाए -
श्री लश्करी की प्रथम पदस्थापना वर्ष 2006 से 2010 तक आर्मी मेडिकल कोर लखनऊ में हुई थी उसके बाद आपने अरुणाचल प्रदेश, पुना, मिलेट्री हास्पिटल उड़ीसा, दिल्ली‌ में भी अपनी सेवाएं देते हुए महामारी कोरोना काल के दौरान बैस हास्पिटल में  कार्यरत रहते हुए बेहतरीन सेवा प्रदान करने का सौभाग्य भी प्राप्त कर चुके हैं इसके बाद लद्दाख में भी अपनी सेवा देने के बाद अपनी सेवा अवधि के अंतिम दो वर्ष  जबलपुर में सेवाएं देते हुए दिनांक 31-5-2024 को  सेवानिवृत हुए।

भारतीय सेना में जुड़ने की दी प्रेरणा-
सेवानिवृत्त जवान धीरन्द्र लश्करी ने बताया कि मैं भारतीय थल सेना में 19 साल देश के लिए सेवा कर सेवानिवृत्त होकर वापस अपने गांव लौटा हूं. मुझे काफी गर्व है कि मैंने अपने देश की सेवा की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सभी युवा वर्ग से यही कहना चाहूंगा कि आप सब भी भारतीय सेना ज्वॉइन करे।यहां सेवा के साथ-साथ अपना जीवन कैसे जीना है, हर क्षेत्र में काम करने का तरीका भी सिखाया जाता है।
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