नाबालिक का अपहरण करने वाले आरोपी को 4 वर्ष का सश्रम कारावास,5000 अर्थ दंड
धार। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री सतीश कुमार गुप्ता धार ने नाबालिक लड़की के अपहरण के मामले में धार के एक आरोपी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रू. अर्थदण्ड की सजा सुनाई
घटना दिनांक 17 सितंबर 2022 की होकर 13 वर्षीय नाबालीग अपने घर से सुबह 7:30 बजे अपने घर से स्कूल बस में बैठकर निकली थी, स्कूल के टीचर ने परिजनों को सूचना दी की वह उनकी बेटी स्कूल नहीं आई है। तब परिजन द्वारा तलाश करने पर स्कुल बस के ड्रायवर ने बताया कि उसने अभियोक्त्री को एक लडके की मोटरसायकल पर जाते हुए देखा था। फरियादीया व परिजन खोजबीन करते हुए महालक्ष्मी नगर कालोनी धार आरोपी पीयुष के घर अभियोक्त्री दिखाई दी जिसे वह बहला फुसलाकर लाया था। कारण पूछने पर आरोपी ने वाद-विवाद किया। फरियादीया अपनी बेटी को साथ लेकर कोतवाली धार थाने पहुंची और आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई।
थाना कोतवाली धार उप निरीक्षक रवि वास्केल एवं सहायक उप निरीक्षक हेमंत राजपुरोहित द्वारा अपराध क्रमांक 695/22 अपराध धारा 363 भादस का आरोपी पियुष पिता दिनेश नि. महालक्ष्मी नगर के विरूद्ध फरियादीया के बताये अनुसार एफआईआर दर्ज कर प्रकरण का संपूर्ण अनुसंधान पश्चात प्रकरण न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया ।
प्रकरण का विचारण चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री सतीश कुमार गुप्ता धार के न्यायालय में चला होकर प्रकरण में अति. शा. लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित द्वारा प्रकरण में 6 साक्षीयों का परिक्षण कराया गया। अभियोक्त्री व उसकी मां / फरियादीया व क्लास टीचर के कथन करवाये गये जिस पर न्यायालय द्वारा सुक्ष्मता से विशलेषण करते हुये आरोपी पियुष पिता दिनेश उम्र 21 वर्ष नि. महालक्ष्मी नगर धार को नाबालिक का ''विधीपुर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण'' के आरोप में धारा 363 भादस में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई । चुकी आरोपी पीयूष पूर्व से प्रतापगढ राजस्थान जेल में निरूद्ध होने पर आरोपी को न्यायालय में तलब कर सजा वांरट तैयार किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अति. शास. लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई ।
धार। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री सतीश कुमार गुप्ता धार ने नाबालिक लड़की के अपहरण के मामले में धार के एक आरोपी को 04 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रू. अर्थदण्ड की सजा सुनाई
घटना दिनांक 17 सितंबर 2022 की होकर 13 वर्षीय नाबालीग अपने घर से सुबह 7:30 बजे अपने घर से स्कूल बस में बैठकर निकली थी, स्कूल के टीचर ने परिजनों को सूचना दी की वह उनकी बेटी स्कूल नहीं आई है। तब परिजन द्वारा तलाश करने पर स्कुल बस के ड्रायवर ने बताया कि उसने अभियोक्त्री को एक लडके की मोटरसायकल पर जाते हुए देखा था। फरियादीया व परिजन खोजबीन करते हुए महालक्ष्मी नगर कालोनी धार आरोपी पीयुष के घर अभियोक्त्री दिखाई दी जिसे वह बहला फुसलाकर लाया था। कारण पूछने पर आरोपी ने वाद-विवाद किया। फरियादीया अपनी बेटी को साथ लेकर कोतवाली धार थाने पहुंची और आरोपी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई।
थाना कोतवाली धार उप निरीक्षक रवि वास्केल एवं सहायक उप निरीक्षक हेमंत राजपुरोहित द्वारा अपराध क्रमांक 695/22 अपराध धारा 363 भादस का आरोपी पियुष पिता दिनेश नि. महालक्ष्मी नगर के विरूद्ध फरियादीया के बताये अनुसार एफआईआर दर्ज कर प्रकरण का संपूर्ण अनुसंधान पश्चात प्रकरण न्यायालय में विचारण हेतु प्रस्तुत किया गया ।
प्रकरण का विचारण चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश श्री सतीश कुमार गुप्ता धार के न्यायालय में चला होकर प्रकरण में अति. शा. लोक अभियोजक शरद कुमार पुरोहित द्वारा प्रकरण में 6 साक्षीयों का परिक्षण कराया गया। अभियोक्त्री व उसकी मां / फरियादीया व क्लास टीचर के कथन करवाये गये जिस पर न्यायालय द्वारा सुक्ष्मता से विशलेषण करते हुये आरोपी पियुष पिता दिनेश उम्र 21 वर्ष नि. महालक्ष्मी नगर धार को नाबालिक का ''विधीपुर्ण संरक्षकता में से व्यपहरण'' के आरोप में धारा 363 भादस में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं पाच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई । चुकी आरोपी पीयूष पूर्व से प्रतापगढ राजस्थान जेल में निरूद्ध होने पर आरोपी को न्यायालय में तलब कर सजा वांरट तैयार किया गया। प्रकरण में शासन की ओर से अति. शास. लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई ।
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